Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2021 · 1 min read

वक्त बड़ा चंचल…

पीठ किए बैठी हैं खुशियाँ, गुमसुम सुख के पल
बाहर पसरा सन्नाटा है, पर भीतर हलचल

स्वार्थ-ग्रसित हो पुत्र मनु के
निज विवेक खोते
अपने ही हाथों से अपना
अपयश खुद बोते
बुद्धि भ्रमित हुई है इनकी, चरने गयी अकल

कर ले तू मन भर मनमानी
भोंक न पीठ छुरा
हो मत मद में अंधा इतना
दिखे न भला-बुरा
आज नहीं तो कल पाएगा, निज करनी का फल

तेरी इस फितरत के आगे
समय भी लाचार
जीवन दात्री माँ प्रकृति पर
कर न अत्याचार
इक दिन तुझको ले डूबेगा, मानव तेरा छल

भले-बुरे दिन आते-जाते
व्यर्थ न कर क्रंदन
तप्त आँच में संघर्षो की
मन होता कुंदन
फिर आयेंगे लौट दिवस वे, आज नहीं तो कल
एक जगह कब टिक कर रहता, वक्त बड़ा चंचल

-डॉ.सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
अलविदा नहीं
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
"रातरानी"
Ekta chitrangini
मैं तो महज इंसान हूँ
मैं तो महज इंसान हूँ
VINOD CHAUHAN
चाय
चाय
Dr. Seema Varma
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
बहे संवेदन रुप बयार🙏
बहे संवेदन रुप बयार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3201.*पूर्णिका*
3201.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#शर्माजी के शब्द
#शर्माजी के शब्द
pravin sharma
हवन
हवन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बाधा को 'चल हट' कहता है,
बाधा को 'चल हट' कहता है,
Satish Srijan
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है "रत्न"
गुप्तरत्न
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
*Author प्रणय प्रभात*
हमने माना अभी
हमने माना अभी
Dr fauzia Naseem shad
भाव  पौध  जब मन में उपजे,  शब्द पिटारा  मिल जाए।
भाव पौध जब मन में उपजे, शब्द पिटारा मिल जाए।
शिल्पी सिंह बघेल
Jo kbhi mere aashko me dard bankar
Jo kbhi mere aashko me dard bankar
Sakshi Tripathi
*वो जो दिल के पास है*
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
!! जानें कितने !!
!! जानें कितने !!
Chunnu Lal Gupta
"दुम"
Dr. Kishan tandon kranti
बादल
बादल
Shankar suman
भाई बहन का रिश्ता बचपन और शादी के बाद का
भाई बहन का रिश्ता बचपन और शादी के बाद का
Rajni kapoor
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
Ravi Prakash
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यदि तुम करोड़पति बनने का ख्वाब देखते हो तो तुम्हे इसके लिए स
यदि तुम करोड़पति बनने का ख्वाब देखते हो तो तुम्हे इसके लिए स
Rj Anand Prajapati
Loading...