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21 Jul 2023 · 1 min read

वक्त बे वक्त

वक्त बे वक्त
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वक्त बेवक्त हमें किसी की भी
जरुरत पड़ सकती है,
किसी की अहमियत तब समझ में आती है।
हमें बड़ा गुमान रहता है
अपने धन दौलत और पद कद का,
सामने वाला तो बस
गरीब लाचार भिखारी ही नजर आता है।
वक्त हमें अपनी औकात बता देता है
जब वक्त बेवक्त
बिना उसके काम नहीं चल पाता है
तब उसकी अहमियत का अहसास हो जाता है।
वक्त हमें हमारी औकात बता देती है ।
वक्त से वक्त हमें हमारी और
औरों की कीमत समझा देती है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
161 Views
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