अनमोल वक्त
वक्त तुम ना दे रहे, यह वक्त बहुत अनमोल हैं।
वक्त निकला तो मिले ना, वक्त का ना मोल हैं।।
मोल जानो तुम मेरा, मैं तो बहुत अनमोल हूँ।
मैं तुम्हे पारस कहूँ क्योंकि तुम तो अनमोल हो।।
तुम मुझे नजरंदाज करते, तुम तो मेरे प्राण हो।
तुम क्यो ना समझ पाते, मुझसे क्यो अनजान हो?
ललकार भारद्वाज