वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
क्योंकि वक्त की मार, किस्मत के मार से ज्यादा तकलीफ देता है।
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
क्योंकि वक्त की मार, किस्मत के मार से ज्यादा तकलीफ देता है।