वक्त को कौन बांध सका है
वक्त को कौन बांध सका है।
बहुत यत्न किये,
बहुत प्रयत्न किये,
कौन इसकी दहलीज लांघ सका है।
सब बंधे हैं इसकी डोर से
थामे कैसे इसे,किस और से
ऊंचाई इसकी कौन फांद सका है।
जीवन में जो आगे है बढ़ना
सीख वक्त के साथ तू चलना
पीछे रह कर कौन इसे थाम सका है।
सुरिंदर कौर