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14 Aug 2021 · 1 min read

वक्त के साथ बदलने में

क्या कहूँ अब तो वो दर्द भी अपना सा लगता हैं।
तेरे संग बीतें तमाम यादें भी सपना सा लगता हैं।
कमबख़्त वक्त ने खेल खेला इस कदर क्या कहें
पर वक्त के साथ बदलने में पूरा जमाना लगता है।।

© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)

Language: Hindi
254 Views
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