वक्त के धारों के साथ बहना
वक्त के धारों के साथ बहना
इतना भी सहज नहीं है , काफ़ी
कुछ पीछे छोड़ना पड़ता है और
जिंदगी के सफ़र में आगे बढ़ना
पड़ता है वक्त के साथ ।
वक्त जब करवट बदलता है तो
सब कुछ उलट पलट हो जाता है,
ज़िंदगी में कई तरह की उथल पुथल
होने लगती है , हम अपनी ज़िंदगी
के कई हसीन पलों को खोते
जाते हैं ।
वक्त की मार सबसे भयानक
होती है , एक वक्त में जो लोग हमारे
सबसे अजीज़ होते हैं वही लोग
हमारे लिए अजनबी बन जाते हैं ।