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19 Aug 2024 · 1 min read

वक्त के धारों के साथ बहना

वक्त के धारों के साथ बहना
इतना भी सहज नहीं है , काफ़ी
कुछ पीछे छोड़ना पड़ता है और
जिंदगी के सफ़र में आगे बढ़ना
पड़ता है वक्त के साथ ।

वक्त जब करवट बदलता है तो
सब कुछ उलट पलट हो जाता है,
ज़िंदगी में कई तरह की उथल पुथल
होने लगती है , हम अपनी ज़िंदगी
के कई हसीन पलों को खोते
जाते हैं ।

वक्त की मार सबसे भयानक
होती है , एक वक्त में जो लोग हमारे
सबसे अजीज़ होते हैं वही लोग
हमारे लिए अजनबी बन जाते हैं ।

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