वक्त की रेत पर तुम फिसलते हो क्यों?
वक्त की रेत पर तुम फिसलते हो क्यों?
बोझ जिंदगी को ऐसे समझते हो क्यों?
अपनी किस्मत को लिखना तुम्हीं सीख लो
इन सवालों से डरकर मचलते हो क्यों?
~ करन केसरा ~
वक्त की रेत पर तुम फिसलते हो क्यों?
बोझ जिंदगी को ऐसे समझते हो क्यों?
अपनी किस्मत को लिखना तुम्हीं सीख लो
इन सवालों से डरकर मचलते हो क्यों?
~ करन केसरा ~