वक्त की चोट
वक्त की चोट , बहुत करारी होती है।
मगर ये सब चोटों पर भारी होती है।
छोड़ जाते हैं लोग, वादा करके यहां
मेरी समझ में ये, गद्दारी होती है ।
औरों की मुश्किलों से सीख लेना ही
जग में सबसे बड़ी, समझदारी होती है।
जैसे कर्म करोगे ,वैसा फल मिलता है
दुख को समझना, होशियारी होती है ।
बिना आवाज़ चलती है लाठी वक्त की
न्याय करता है जब ,चोट करारी होती है।
सुरिंदर कौर