वक्त और रिश्ते
टूट जाया करते है रिश्ते सारे
थोड़ा वक़्त तो ढ़लने दो
कम हो जाया करती है बातें
जऱा नया हमसफ़र तो मिलने दो
बदल जाया करती है एहमियत
थोड़ा एहसास तो बदल लेने दो
बढ़ जाते है फ़ासले दर्मियां में
जऱा हवा का रुख तो बदल जाने दो
अलग हो जाती है राहें जिंदगी की
जऱा नई राह को तो मिल जाने दो
बदल जाया करते है वास्ते जिंदगी में
जऱा किसी से दिल तो लग जाने दो।
~ Silent Eyes