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2 Jun 2020 · 1 min read

वकालत न दे।

जो झूठ की पैरवी करे मुझे वो वकालत न दे।
सच शर्मशार करे वो न्यायाधीश,अदालत न दे।
कटे सिर मंजूर झूठे लफ्ज अदा न करुं मौला,
खामखा़ फ़जीलत से मेरे मौत को ज़लालत न दे।
-शशि “मंजुलाहृदय”

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 207 Views
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