Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2022 · 1 min read

वक़्त हिस्से में

कौन पहचान खुद को पाता है ।
वक़्त हिस्से में सबके आता है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
9 Likes · 175 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
"फेसबूक के मूक दोस्त"
DrLakshman Jha Parimal
कल और आज जीनें की आस
कल और आज जीनें की आस
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"एक ख्वाब टुटा था"
Lohit Tamta
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
लक्ष्मी सिंह
मैं घर आंगन की पंछी हूं
मैं घर आंगन की पंछी हूं
करन ''केसरा''
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
Ravi Prakash
डर
डर
Sonam Puneet Dubey
कमरछठ, हलषष्ठी
कमरछठ, हलषष्ठी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मौसम तुझको देखते ,
मौसम तुझको देखते ,
sushil sarna
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
Phool gufran
माँ दया तेरी जिस पर होती
माँ दया तेरी जिस पर होती
Basant Bhagawan Roy
मानवता का मुखड़ा
मानवता का मुखड़ा
Seema Garg
19, स्वतंत्रता दिवस
19, स्वतंत्रता दिवस
Dr .Shweta sood 'Madhu'
"तरीका"
Dr. Kishan tandon kranti
मुकाबला करना ही जरूरी नहीं......
मुकाबला करना ही जरूरी नहीं......
shabina. Naaz
नेता पलटू राम
नेता पलटू राम
Jatashankar Prajapati
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
SATPAL CHAUHAN
भाड़ में जाओ
भाड़ में जाओ
ruby kumari
2780. *पूर्णिका*
2780. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
स्वदेशी
स्वदेशी
विजय कुमार अग्रवाल
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
Jyoti Khari
क्या मिला है मुझको, अहम जो मैंने किया
क्या मिला है मुझको, अहम जो मैंने किया
gurudeenverma198
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
मरने के बाद।
मरने के बाद।
Taj Mohammad
अपने-अपने संस्कार
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...