Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2024 · 1 min read

वक़्त मरहम का काम करता है,

वक़्त मरहम का काम करता है,
ज़ख़्म कोई हरा नहीं रहता ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 11 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

विषय – मौन
विषय – मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परिवार
परिवार
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
चिरयइन की चहक, मिट्टी की महक
चिरयइन की चहक, मिट्टी की महक
Vibha Jain
रमन्ते सर्वत्र इति रामः
रमन्ते सर्वत्र इति रामः
मनोज कर्ण
घमंडी है आज का इन्सान
घमंडी है आज का इन्सान
Shutisha Rajput
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सीरत अच्छी या सूरत अच्छी
सीरत अच्छी या सूरत अच्छी
MEENU SHARMA
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3758.💐 *पूर्णिका* 💐
3758.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
Ravi Prakash
समस्या विकट नहीं है लेकिन
समस्या विकट नहीं है लेकिन
Sonam Puneet Dubey
चुपचाप यूँ ही न सुनती रहो,
चुपचाप यूँ ही न सुनती रहो,
Dr. Man Mohan Krishna
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
तूँ है कि नहीं है ये सच्च सच्च बता
तूँ है कि नहीं है ये सच्च सच्च बता
VINOD CHAUHAN
आज का ज़माना ऐसा है...
आज का ज़माना ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बांग्लादेश में हिन्दुओ को निशाना बनाकर बलत्कृत, हत्या और चुन
बांग्लादेश में हिन्दुओ को निशाना बनाकर बलत्कृत, हत्या और चुन
ललकार भारद्वाज
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
भजन - माॅं नर्मदा का
भजन - माॅं नर्मदा का
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
धर्म के नाम पे लोग यहां
धर्म के नाम पे लोग यहां
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*कलियुग*
*कलियुग*
Pallavi Mishra
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
Manisha Manjari
सीखो मिलकर रहना
सीखो मिलकर रहना
gurudeenverma198
भेदभाव का कोढ़
भेदभाव का कोढ़
RAMESH SHARMA
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मुस्कुरा  दे  ये ज़िंदगी शायद ।
मुस्कुरा दे ये ज़िंदगी शायद ।
Dr fauzia Naseem shad
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सफ़र जो खुद से मिला दे।
सफ़र जो खुद से मिला दे।
Rekha khichi
"प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
*प्रणय*
Loading...