वक़्त के शायरों से गुज़ारिश
नज्में लिखिए
नारे लिखिए
जिनसे उठें
अंगारे लिखिए…
(१)
खुलकर लिखना
अगर नामुमकिन
कम से कम
इशारे लिखिए…
(२)
जो काम आएं
इंकलाब के
वो सबक़ अब
सारे लिखिए…
(३)
जुल्मतों के
दौर में जो
बनें सुर्ख़
सितारे लिखिए…
(४)
भेड़ों का
मिमियाना नहीं,
शेरों की
दहाड़ें लिखिए…
(५)
जो चुभते हैं
आपकी नज़रों में
ऐसे सभी
नज़ारे लिखिए…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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