वंदे मातरम के सँग सबको नचाये
चलो की कोई नई धुन बनाये
ग़मो के बादल ख़ुशी में उड़ाए
बहुत बुरी गुलामी मानसिकता
राष्ट्रहित में गीत नया कोई गाए
सुन लो दिल की बात मेरे साथी
धुन बजती वही दिल भी बजाए
क़लम तू भी ठान लेना आज यही
वंदे मातरम के संग सबको नचाए
नैनो को कमल बना कर केअरविंद
राष्ट्र देवता के चरणों मे जाके चढ़ाए
पाक गिरा दो चरणों मे भारत माँ के
शपथ भारत माँ के सर की हम खाए