वंदेमातरम् !!! माँ भारती तुझे सलाम !!!
**वो कौन है ?
जिसका हर रुख एक संदेश है !
और संतान का हर रुप पसंद है !
कोई माँ नहीं चाहती !
कोख उजड़े !
उसकी उसके सामने !
सिद्ध किया !
उस एक माँ ने !
हँस कर किया विदा !
जब सरदार भगतसिंह की माँ ने,
माता मन ही मग्न थी !
सोच रही थी !
भगतसिंह सही पहचाने !
माँ भारती ही,
असल तेरा गौरव है !
मेरा जन्म भी सफल हुआ !
जो तूने बचा ली !
लाखों कोख उजड़ने से !
वंदे मातरम् !!!
वंदे मातरम् !!!