लौट न जाये !
खोल दो हृदय कपाट निर्भय ,
देखो तो कौन आया है ?
कहीं वह लौट न जाये ।
ज़ोर से पुकारो बाहें पसार ,
लुटा दो प्रेम और खुशियाँ ।
था जिसका इंतजार ,
वही आया हो, पर ,
कहीं लौट न जाये ।
खोल दो हृदय कपाट निर्भय ,
देखो तो कौन आया है ?
कहीं वह लौट न जाये ।
ज़ोर से पुकारो बाहें पसार ,
लुटा दो प्रेम और खुशियाँ ।
था जिसका इंतजार ,
वही आया हो, पर ,
कहीं लौट न जाये ।