लौटकर क्यों आ गईं (गीत)
लौटकर क्यों आ गईं (गीत)
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ठंड जब तुम जा रही थीं ,लौटकर क्यों आ गईं
(1)
अब बहुत दिन हो गए ,तुमको यहाँ रहते हुए
शाम से लेकर सुबह तक ,कोहरा सहते हुए
होते वसंती दिन मगर , हाय ठिठुरन छा गई
ठंड जब तुम जा रही थीं ,लौटकर क्यों आ गईं
(2)
फिर वही मफलर लपेटे ,मौन दिन आने लगे
गर्म चादर, कोट ,ऊनी टोप फिर भाने लगे
एक सिहरन देह में ,ठंडी हवाएँ ला गईं
ठंड जब तुम जा रही थीं ,लौटकर क्यों आ गईं
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रचयिताः रवि प्रकाश बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451