लौटकर आ जाना…
जोर आजमाइश से,
क्या पा लेगा मुझे?
प्यार से तो…
सब कुछ मुमकिन है,
जबरन कौन…
झुका लेगा मुझे?
अभी तो धुन है उसे,
किसी का भला
बने रहने की।
ऐसा वक्त भी आएगा,
वही शख्स ठुकराएगा।
फिर…?
वह माजी में लौट जाएगा,
जहां मुझको ही पाएगा,
मेरा तसव्वुर सहारा होगा,
मेरा सब कुछ गवारा होगा।
बस, आखिरी ख्वाहिश!
आखिरी गुज़ारिश…
कोई तोहमत तुम पर लपके,
जिंदगी मेरी पलकें झपके,
बेवजह आंसू न बहाना
बस लौटकर आ जाना…।
© अरशद रसूल