लो हो गई बात, दो हजार चौबीस कि!
उधर दुल्हे पर सवाल किया,
इधर शादी का सुझाव मिला,
हो रही थी गठबंधन की तैयारी,
कह रहे थे सब अपनी बारी,
लालू का जब नंबर आया,
तुरंत उन्होंने यह सुझाया,
राहुल दाडी वाडी बनवा लो,
शादी की हामी भरवा दो,
मां तुम्हारी भी यह चाहती है,
कोई और भी ये कह रहा है,
दुल्हा कौन है पूछ रहा है,
बारातियों को ललकार रहा है!
अब तो हामी भर लो यार,
इशारों में किया है पलटवार,
राहुल ने भी मुस्कुराते हुए हां कर ली,
लालू ने भी शादी की तैयारी कर दी,
नीतीश दुल्हन ढूंढने का जिम्मा संभाल रहे,
मल्लिकार्जुन अभिभावक बन कर आ गये,
बाराती भी सभी तैयार खड़े हैं,
केजरीवाल थोड़े से रुठे हुए हैं,
उनको जिद्द है कि उन्हें फुफा बनाएं,
इन्हें शक है कि ये कहीं रायता ना फैलाएं,
दुल्हे पर तंज कसने वाले भी,
कहाँ चैन से बैठ पाएंगे,
अपनी तरफ से तो वो भी,
पूरा पलीता लगाएंगे,
इशारों में सवालियों से,
इशारों में ही जबाब है,
जारी हुआ कशमकश,
चौबीस तक जारी रहेगा,
देखना है कि अब के,
शेहरा किस के सिर पर बंधे गा!!