// लो फागुन आई होली आया //
विभिन्न बोलीया मेरे देश मे है ,
फागुन आई होली आया ।
तरंग पानी में जेसे आते हैं ,
गुलाबी रंग को मिलाया जाता है ।।
यू पी हो या फिर गुजरात का डांग हो ,
सभी को भाग पिलाई जाती है ।
अमीर हो या फिर गरीब मजदूर हो ,
यहा भीगी खजूर को खिलाई जाती है ।।
फर्क़ चाहे हो यहा बोली का ,
होलिका जैसे आग में जल गई थीं ।
इदे मिलाद हो या हिंदू त्यौहार हो इस देश में मनाते हैं ,
प्रभु ने भक्त प्रहलाद को जैसे बचाया था ।।
लो फागुन आई होली आया ,
बोली तो भाग से बदल जाती है ।
राधा-कृष्णा की जोड़ी बड़ी प्यारी है
बच्चे- युवा होली खेले खूब दौड़ी दौड़ी ।।
जिस दिशा में ज्वाला जाएगी ,
उस प्रदेश में उजियारा होगा ।
होली मे लकड़ी मत जलाओ ,
पूजा पाठ से होली मनाओ ।।
होली में खाओ मिठाई मेवा
गुलाब जी कहे करो देश की सेवा