लोलिता
छुपी है कोई “लोलिता”
मेरे जीवन के उपन्यास में
सिसकियाँ भरती हुई
अपना सब कुछ खो कर
बहुत कुछ पा लेने की
आस धरे।
खोज रही है मुझमे
अपने बाल्यकाल में लुटी
जवानी की उमंगें
****
सरफ़राज़ अहमद “आसी”
छुपी है कोई “लोलिता”
मेरे जीवन के उपन्यास में
सिसकियाँ भरती हुई
अपना सब कुछ खो कर
बहुत कुछ पा लेने की
आस धरे।
खोज रही है मुझमे
अपने बाल्यकाल में लुटी
जवानी की उमंगें
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सरफ़राज़ अहमद “आसी”