लोग हमेशा छल करते हैं
कब मुश्किल को हल करते हैं
लोग हमेशा छल करते हैं
क्यों कहते हो भूल गए हम
याद तुम्हें हर पल करते हैं
अच्छे कर्म न छोड़ कभी तू
आज नहीं तो कल करते हैं
पश्चाताप को भी अक्सर ये
आँसू गंगाजल करते हैं
दिल से बाहर निकले जब-जब
जज़्बात ये पागल करते हैं
काबू में रखिये इनको अब
भाव मुझे घायल करते हैं
सपनों में भी दिल के क़िस्से
आ-आकर हलचल करते हैं
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