लोग लिखना तो चाहते हैं पर…..
एक वेबसाइट से दूसरे वेबसाइट में घूमते हुए,
सोशल मीडिया पर अपना अमूल्य समय बिताते हुए,
मैं कुछ अजीब चीजे पाता हूँ,
जो ठीक नहीं है या मुझे ठीक नहीं लगती,
की लोग लिखना तो बहुत चाहते हैं,
पर पढ़ना नही चाहते……
वो खाना तो चाहते हैं,
पर उगाना नही चाहते,
बस तुक से तुक मिलाते हैं
और तुकबंदी बना देते हैं,
इस चक्कर में कभी सीता को सिता,
और कभी दीन को दिन बना देते हैं।