लोग मेरे देश के
भटक रहे हैं दर-बदर
क्यों लोग मेरे देश के?
पटक रहे हैं अपना सर
क्यों लोग मेरे देश के?
सोचने दो मुझे जरा
कहां गए सब रहनुमा?
तड़प रहे हैं इस क़दर
क्यों लोग मेरे देश के?
#हल्ला_बोल #सियासी_शायरी #कविता
भटक रहे हैं दर-बदर
क्यों लोग मेरे देश के?
पटक रहे हैं अपना सर
क्यों लोग मेरे देश के?
सोचने दो मुझे जरा
कहां गए सब रहनुमा?
तड़प रहे हैं इस क़दर
क्यों लोग मेरे देश के?
#हल्ला_बोल #सियासी_शायरी #कविता