Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2024 · 1 min read

लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,

लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
तो देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है,
हृदय का हर कोर-कोर खिल उठता है!
ज़्यादातर लोग आज ऐसा नहीं करते,
फिर यह सोचकर दिल घबरा जाता है,
मानव असत्य का मार्ग क्यूॅं पसंद करता है?
क्या आज के इस युग का ही कोई दोष है?
या आज मनुष्य की प्रवृत्ति ही इसी ओर है…
चिंतन से कोई नतीज़ा नहीं निकल पाता है,
और मनुष्य किसी तरह जीता चला जाता है!
…. अजित कर्ण ✍️

2 Likes · 12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
Shweta Soni
मां की कलम से!!!
मां की कलम से!!!
Seema gupta,Alwar
#पर्व_का_सार
#पर्व_का_सार
*प्रणय प्रभात*
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
Phool gufran
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
Suryakant Dwivedi
अभिमानी  इस जीव की,
अभिमानी इस जीव की,
sushil sarna
प्रीति
प्रीति
Mahesh Tiwari 'Ayan'
"दिल को"
Dr. Kishan tandon kranti
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3069.*पूर्णिका*
3069.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Line.....!
Line.....!
Vicky Purohit
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
पता नहीं था शायद
पता नहीं था शायद
Pratibha Pandey
प्राप्त हो जिस रूप में
प्राप्त हो जिस रूप में
Dr fauzia Naseem shad
पाती प्रभु को
पाती प्रभु को
Saraswati Bajpai
*जीवन साथी धन्य है, नमस्कार सौ बार (पॉंच दोहे)*
*जीवन साथी धन्य है, नमस्कार सौ बार (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
अर्थ मिलते ही
अर्थ मिलते ही
Kshma Urmila
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
Sarfaraz Ahmed Aasee
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
Lokesh Sharma
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया
खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया
Vijay kumar Pandey
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
पूर्वार्थ
Loading...