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4 Oct 2024 · 1 min read

लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,

लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
तो देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है,
हृदय का हर कोर-कोर खिल उठता है!
ज़्यादातर लोग आज ऐसा नहीं करते,
फिर यह सोचकर दिल घबरा जाता है,
मानव असत्य का मार्ग क्यूॅं पसंद करता है?
क्या आज के इस युग का ही कोई दोष है?
या आज मनुष्य की प्रवृत्ति ही इसी ओर है…
चिंतन से कोई नतीज़ा नहीं निकल पाता है,
और मनुष्य किसी तरह जीता चला जाता है!
…. अजित कर्ण ✍️

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