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11 May 2018 · 1 min read

लोग कहते है

तेरे दिए मर्ज को लोग इलाज कहते है,
तेरे गम मेंं लिखे अलफाज़ो को,
मेरी कलम का कमाल कहते है।
तू दर्द के साथ जाते-जाते इक दुआ भी दे गया,
ऐ दोस्त,
महफ़िलों मेंं मेरे मशहूर हो जाने को,
तेरी दोस्ती का कमाल लोग कहते है।

बेहोशी के आलम मेंं मेरे,
कुछ भी अर्ज कर जाने को,
तेरे इश्क के जुनूँँ का कमाल लोग कहते है।
मय़स्सर नही होता अब दीदार तेरा,
हर मुसाफ़िर मेंं तुझे ढुँँढने को,”सरिता”
करती हूँँ खुदा की बंंदगी कमाल ,लोग कहते है।

#सरितासृृजना

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