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4 Jan 2022 · 1 min read

लोग कहते हैं सैकड़ों मुल्क हैं तुम्हारे

लोग कहते हैं कि सैकड़ों मुल्क हैं तुम्हारे
लेकिन फिर भी फिरते हो दर दर मारे
कभी बर्मा कभी काबुल कभी फिलीस्तीन
कभी यमन से भगाए जाते हो
बड़ी बेकदरी है तुम्हारी अपने ही चमन से
भगाए जाते हो
तुम पे ये इल्जाम है कि तुमने दुनियाँ मे
उथल पुथल मचाई है
तुम रखते हो बंदूकें सिरहाने अपने
दुनिया की हर कौम तुमसे घबराई है
दुनिया ने तुम्हे तो देखा मगर तुम्हारे हाथों मे
हथियार थमाने वालों को नही
दुनिया ने तुम्हे तो देखा मगर तुम्हे जलाने वालों
को नही
आखिर कैसे दुनिया इतनी अंधी हो सकती है
और कैसे वो इल्जाम लगा सकती है उन पर
तेल लूटने के खातिर ,बम बरसाए गए जिन पर
मरता तो क्या ना करता ,आत्मरक्षा मे ही
उठाए हैं पत्थर उन्होंने
सीरिया लेबनान यमन फिलीस्तीन मे जुल्म सहा है जिन्होंने
आत्मरक्षा हर किसी का अधिकार है
मजलूमों को जो सताए लानत है उसपर
उसपर धितकार है
मारूफ आलम

Language: Hindi
187 Views
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