लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
बंद मुट्ठी बंदही रहने दो
अच्छा हैं दफन हैं वो सब राज
कमसे कम सुकून तो हैं आज
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
क्या भरोसा किसीका कब धोखा दे
अपना समझे वही धोका देते हैं अक्सर
वो नासमझ हैं , उसे जीना नहीं आता
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
दोस्त तो बेशक , कल रहे ना रहे
चलो अच्छा हैं उम्मीदपर हैं जिंदगी
टीकी हुई कल किसने देखा हैं
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
पसीने की हर बून्द से भाग्य अपना जो लिखे
हिम्मत , मेहनत और लगन से बेशक
वही सुनहरे पल पाता हैं इतिहास गवाह हैं
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
कल क्या होगा किसने हैं जाना अब तक
बस चलते हैं रहना मंजिल की तलाश में
थके ना दिल कभी , ना बिके जमीर
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?