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15 Mar 2024 · 1 min read

लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,

लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
समय के साथ पेड़ के पत्ते भी,
रंग बदल के साथ छोड़ चले जाते है ।
……✍️योगेंद्र चतुर्वेदी

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