लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
समय के साथ पेड़ के पत्ते भी,
रंग बदल के साथ छोड़ चले जाते है ।
……✍️योगेंद्र चतुर्वेदी
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
समय के साथ पेड़ के पत्ते भी,
रंग बदल के साथ छोड़ चले जाते है ।
……✍️योगेंद्र चतुर्वेदी