लोकतान्त्रिक लतीफा
लोकतांत्रिक देश की जनता ने राजा चुना था. राजा ने एक नयी परिपाटी चलाई. राज्य में जब भी कुछ बुरा होता तब पड़ोसी राज्य का षड्यंत्र बताकर मुद्दे को दबा दिया जाता और जब कुछ अच्छा होता तब राजा को उसका पूरा श्रेय दिया जाता. जिस जिस ने इस परिपाटी को स्वीकारा वे राष्ट्र भक्त कहलाये और जिसने विरोध किया वे देशद्रोही घोषित कर दिए गए. देशद्रोहियों को सबक सिखाने के लिए राजा ने सख्त कार्रवाई की और राज्य के शब्दकोश में से जनांदोलन, जिम्मेदारी आदि शब्द मिटा दिए जाने का आदेश दे दिया. इसके पश्चात राजा ने दरबार में यह प्रश्न कर सबको चौंका दिया कि क्या हमारे राज में लोकतंत्र नहीं है? जनता से प्रजा बनी भीड़ ने एक स्वर में कहा – हुजूर सबसे सशक्त लोकतंत्र आपके ही राज्य में है. आप पूरे संसार में एक मात्र राजा हैं जिन्हें लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया है अन्यथा विश्व के अन्य देशों में तो लोकतांत्रिक तरीके से जनता के प्रतिनिधि चुने जाते हैं. राजा यह सुनकर अति प्रसन्न हुआ और उसने पूरे राज्य में ताली थाली बजाकर उत्सव मनाने का आदेश दिया.