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12 Jan 2022 · 1 min read

लोकतंत्र

लोकतंत्र तभी और मजबूत हो
जब निरंतर होते रहें बदलाव
अन्यथा सत्ताधीश खुद को मान
बैठते हैं भाग्यविधाता का पर्याय
जनता के लिए मुफीद यही कि
वो बदलती रहे सदा सत्ता का केंद्र
ताकि कोई राजनेता खुद को न
मान सके सदा सर्वदा के लिए इंद्र
सत्ता सब नेताओं में पैदा करती है
अजब किस्म का विचित्र अभिमान
यह तभी समाप्त होता जब जनता
चुनाव में हराकर दिखा दे आसमान

Language: Hindi
172 Views
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