लोकतंत्र
वैसे शासन चलाने के होते हैं कई आधार यहां,
पर हर आधार में लोकतंत्र है बेमिसाल हर जगह,
जहा चलता शासन किसी एक का नहीं पूरी जनता का,
वहीं पर होता है सम्मान सबकी जरूरत और ख्वाइशों का,
न्याय, विधाय,कार्य और मीडिया है जिसके चार स्तम्भ यहां,
वहीं लोकतंत्र हर देश में सफल होता है यहां,
देर हो पर विभेद नहीं यहां न्याय देने में,
सब धर्मो को एक छत के नीचे ले आए ऐसी शक्ति इस लोकतंत्र में,
सवाल उठाकर शासक पर उनकी तानाशाही यहां रोकी जाती,
लोकतंत्र की यही अदा विकास में अद्भूत भूमिका निभाती,
दौर तानाशाही का रोककर अच्छे बुरे का फर्क बतलाता,
यही लोकतंत्र जनता को जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करता,
जब लोकतंत्र के त्यौहार का विगुल चहुं ओर बजता,
तब हर वर्ग इसको मनाने शान से अपनी जिम्मेदारी समझ आगे आता,
लोकतंत्र के साए में परिवार बन पूरा देश साथ आगे बढ़ता,
एक यही तो है जहा शासक और शासित दोनों अपना किरदार बड़े अदब से निभाता