लोकतंत्र की प्रवेश परीक्षा।
भारत की विशेषता है कि अनेकता में एकता के दर्शन होते हैं।
लेकिन मैं समझता हूं ,कि यह विशेषता नहीं विकृति है।यह भारत
देश एक खिचड़ी की तरह है।जिसको जो अच्छा लगा वो वैसा ही
काम करने लगता है।वह धर्म और कानून की सीमा में नही रहता है।आज सारे राजनैतिक दलो में गरीबों की हिस्सेदारी को सुनिश्चित करें, क्योंकि आज सबसे ज्यादा आत्म बल और जुझारू
पन उनके ही पास है।इन गरीबों के पास लोकतंत्र को मजबूत करने की शक्ति है। राजनेताओं के लिए भी एक ऐसा कानून बनाया जाये कि वह किसी भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाने पर
हमेशा के राजनीति से हटा दिया जाएगा।चुनाव आयोग भी कठोर
कानून बनाये,साथ में सारे राजनैतिक दलों से विचार-विमर्श करे।
उन्हें राजनीति में प्रवेश होने से पहले कुछ नियम बनाया जाये और
उस व्यक्ति के सामने शर्त रखें।
राजनीति में जब कोई भी व्यक्ति अपना राजनैतिक दल बनाये तो
उसे अपने हर सदस्य के बारे में बायोडाटा के साथ उस व्यक्ति का
रिकार्ड देखें और जांच करें कि यह व्यक्ति इस दल के लिए उपयुक्त है।यह जांच उसकी गोपनीय ढंग से की जाना चाहिए।
उस क्षेत्र के व्यक्तिओ से सम्पर्क कर उसके बारे में जानकारी एकत्रित करें।
किसी भी राजनैतिक दल में शामिल होना उस दल के अध्यक्ष/ अध्यक्षों को नियुक्ति से पहले कुछ प्रशनो के उत्तर देने को कहें।१_ राजनैतिक दल का गठन करने का उद्देश्य जाने,साथ में समपति का ब्योरा शामिल हो।
२__ मानव सेवा के प्रति समर्पित भाव को जाने।
३__ उसका स्वभाव कैसा है।
४__ वह सेवा को जीवन में कितना स्थान देता है।
२५/४०/६५/७०/१००/
५__ उसका कोई अपराधिक रिकार्ड है या नही।
६__ उसकी योग्यता परखें क्या वह इसके काबिल है या नही।
७__ देश के प्रति १०० शब्दों का एक लेख लिखना होगा।
८— वह जज के सामने एक शपथ पत्र भी देना होगा,कि मैं देश
सेवा के प्रति समर्पित हूं किसी भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाने पर मेरा रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाये ।