लोकतंत्र की परिभाषा।
आज हमारे देश की जनता लोकतंत्र की परिभाषा तक नही जानती है! और कुछ लोग अपने मूल भूत अधिकारों के बारे में भी नही जानते हैं! और हमारे देश के राजनेताओं की भूमिका भी संदिग्ध है। क्योंकि आज का इंसान केवल अपनी जिंदगी के मूल्य सिद्धांत तक नही जानता है। लोकतंत्र का मूलाधार उस देश की जनता होती है। जनता की सेवा ही सर्वोपरि मानी जाती है। लेकिन जनता को जागरूक होना चाहिए। नहीं तो उस देश के राजनेता ही जनता को ठग लेंगे।आज का समय केवल झूठ पर खड़ा है! और ईमानदार आदमी परेशान होता रहता है।हमारे भारत देश की जनता भेड़ की तरह चलती रहती है। इसलिए वह परेशान होती रहती है।ज्ञान खजाना है, और अभ्यास उसकी कुन्जी है।इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना तो मानव का कल्याण हो जायेगा।