लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व है
आओ चलकर मतदान करें
रामू काका श्यामा ताई
आओ चलकर मतदान करें
मतदान करें भाई मतदान करें
आओ चलकर मतदान करें
देश की अखंडता की खातिर
हम तुम मिलकर मतदान करें
जन जन का सहयोग हो
जरा भी ना संकोच हो
कर्तव्य पथ पर बढ़े चलो
विकास को गढ़े चलो
तनिक भी न सोचो तुम
अपने घरों से निकलो तुम
इस बार तुम्हें निकलना होगा
प्रयोग वोट का करना होगा।
राह से मत भटक जाना
बहकावे में अब नहीं आना
देखी तुमने सब की पारी
कितनी झूठी और मक्कारी
अब और नहीं बस और नहीं
विरोध राष्ट्र का और नहीं
बुलंदियां विकास की छूना है
सबको मिलकर मतदान करना है
देश को एकजुट रखना है
आतंक समूल नष्ट करना है
अर्थव्यवस्था शीर्ष पर हो हमारी
करनी है अभी और तैयारी
नकेल भ्रष्टाचारियों पर कसना है
जन जन को ध्यान यह रखना है
हर हाथ को अब काम हो
बस शत प्रतिशत मतदान हो
सबका अपना रोजगार हो
कोई ना बेरोजगार हो
बुजुर्गों का सम्मान हो
महिलाओं का भी मान हो
सम्मान निधि का लाभ मिले
चेहरे उनके खुशी से खिले
गौरव राष्ट्र का बना रहे
दिन मतदान का याद रहे
सभ्यता और संस्कृति अक्षुण रहे
आत्मसम्मान सभी का बना रहे
राष्ट्रवाद जनमानस की रगों में हो
स्वयं से पहले देश का भाव हो
जनता की सुरक्षा सर्वोपरि रहे
अमन चैन का दौर रहे
जनमानस सदा खुशहाल रहे
पर मतदान का समय भी याद रहे
दंगे और फसाद नियंत्रित हों
दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो
आतंकी संगठनों के विनाश हो
उद्गम आतताइयों का ध्वस्त हो
देश को कोई आंख ना दिखाए
दिखाने पर मुंह की खाए
ऐसा शासक लाना होगा
मतदान सोच समझ कर करना होगा
अमन चैन की रातें होंगी
और सुकून की बातें होंगी
कुछ कामों की शुरुआत हो चुकी है
शेष होना अभी बाकी है
देश फिर सुरक्षित हाथों में होगा
और राष्ट्र विश्व गुरु कहलायेगा
लोकतंत्र का पर्व है यारों
मतदान ही एक अस्त्र है यारों
इति।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश