लॉक डाउन और बारिश
क्या ही अच्छा होता ,
जो यह करोना न होता ।
करोना न होता तो ,
लॉक डाउन भी न लगता ।
जीवन में कितना ठहराव ,
सा आ गया है ।
उस पर आलम यह की ,
मन डरा डरा सा रहता है ।
पशु पक्षी आजाद गगन में ,
उड़ान भर रहे हैं ।
और हम अपने ही घर में ,
नजरबंद पड़े हैं ।
काश !! ऐसे संगदिल हालात ,
हमारे जीवन में भी ना होते ।
हम भी उन्मुक्त मस्ती से ,
खुले आसमान में घूम रहे होते ।
अब की बार बारिश का मौसम ,
जल्दी आ गया है ।
मगर मन में मस्ती ,आनंद और
खुशी नदारद है।
काश ! यह करोना मर जाए ,
और शहर से लॉक डाउन हट जाए ।
गाड़ी पकड़ कर हम भी लॉन्ग ड्राइव ,
पर निकल जाएं ।
सुंदर दृश्यों से भरे स्थानों में पोज़ ,
बनाकर फोटो खिंचवाए ।
और जब भूख सताए तो किसी रेस्तरां में
बढ़िया लजीज पकवान खाएं ।
और नाश्ते का मन करे तो किसी ढाबे में ,
गरमा गर्म पकोड़े खाएं ,चाय पिएं ।
और फिर शाम ढले घर आएं ।
ऐसी भीगी भीगी ,शीतल बारिश की ,
फुहारों के साथ जीवन की एक ,
शाम गुजारें ।
हाय ! बड़ा अरमान है हमारा ,
हम बारिश के साथ खुल के जिएं ।
खुदाया !! कभी तो आयेगा ना ,
हमारे बेरंग से जीवन में यह पल ।
हम हर सांस बाद खुदा से ,
बस यही करें दुयाऐं ।