लॉकडाऊन में लव बर्डस
लॉकडाऊन में लव बर्डस
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सदैव रॉकडाऊन हो
जो रहते थे लव बर्डस
प्रेममयी क्रियाओं और
क्रीड़ाओं में लीन-विलीन
अनुराग आनन्द अनुभूति
अनुग्रहण में व्यस्त हो
व्यतित करते यौवन काल
तृप्त,शांत करते थे वो
उमड़ी प्रेम भावनाएं
और तीसरे नेत्र से बच
चोरी-चोरी,चुपके-चुपके
प्रेम पत्रों और मोबाइलों
के फिजूल दुष्प्रयोग से
परस्पर संप्रेषित करते थे
प्रेम-अनुरागी मन में उत्पन्न
विचारों का आदान-प्रदान
आज वो भी है यहाँ पर
प्रभावित और उत्पीड़ित
कोरोना वायरस महामारी की
लॉकडाऊन,निषेधाज्ञा रूप में
झेल रहें हैं एकाकीपन मार
चूहों की भांति दुबककर
बैठें हैं अपनी अपनी बिल में
जैसे बिल्लियों के डर से
सीने में दबाकर रख रहें हैं
ह्रृदय पटल पर पनप रही
प्रेम की भावनाओं को
और बन बैठें बंद घरों में
अनुरागी से वियोगी
जी रहें हैं परिवार संयोग में
प्रेम का वियोग भरा जीवन
और कर रहे है याचना प्रार्थना
कोरोना वायरसों उन्मूलन की
ताकि हो सकें पुनः सक्रिय
जीने के लिए फिर से
अनुरागी आनन्दमयी जीवन
और कर सके प्रेभ भावनाओं को
सुखविंद्र शांत,तृप्त और संतुष्ट…
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)