लॉकडाउन 3.0 सोशल डिस्टेंसइंग की धज्जियां उड़ाती सरकारी नीतियां
लेख ……..
कोरोना की मार झेल रहे सभी देशों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी रणनीतिया तैयार करने के साथ ही अब उन रणनीतियों को जमीनी स्तर पर सुचारू रूप से लागू करने के लिए कमर कस ली है | इसी दौरान भारत में 40 दिन के लॉकडाउन के पश्चात लॉकडाउन 3.0 की शुरुआत देश के कुछ क्षेत्रवासियों के लिए राहत की खबर के साथ ही सरकार द्वारा शराब की दुकान को खोलने की एक चौकाने वाले निर्णय ने देश के कुछ देशवासियों के भीतर फिर से डर उत्पन्न कर दिया है | सरकार के इस साहसिक निर्णय ने स्वयं सरकार तथा सरकारी नीतियों के समक्ष एक प्रश्न चिन्ह लगा दिया है |
जहां अभी तक सम्पूर्ण विश्व की तुलना में भारत कोरोना वायरस के संक्रमण को कुछ हद तक फैलने से रोकने में कारगार सिद्ध हुआ है | वही सरकार द्वारा शराब की दुकानों को खोलने का निर्णय कहीं, समस्त भारतवासियों तथा कोरोना से जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं की अभी तक की मेहनत में पानी न फेर दे |
कोरोंना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए स्वयं सरकार द्वारा दिया गया समाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) का मूल मन्त्र, लॉकडाउन 3.0 में लिए गए साहसिक निर्णय के अगले दिन ही शराब की दुकानों के बाहर समाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) की धज्जियां उडाती कई मीटर लम्बी लाइन ने सरकार तथा कोरोना की लड़ाई लड रहे समस्त भारतवासियों का सच होता सपने को चकनाचूर कर दिया है | लॉकडाउन 3.0 में लोगों के इस तरह के रवैये को देखने के पश्चात, डर के इस माहौल में सरकार को फिर से अपनी रणनीतियों पर सोचने के लिए विवश कर दिया है | अभी तक पिछले 40 दिनों से गैर जरूरी समान की आवश्यकता को समझे बिना जीवन यापन कर रहे भारतवासी की जान जोखिम में डालने के पीछे सरकार द्वारा लिया गया शराब बिक्री का निर्णय शराब से प्राप्त राजस्व है या कोई मजबूरी | इस पर्दे के पीछे का रहस्य की जवाबदेही सरकार तथा उच्च पद पर बैठे अधिकारियों की ही बनती है |
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 46,711 हो गई है। जिसमें 31,967 सक्रिय हैं | ऐसा न हो की सरकार का यह निर्णय भारत को भी अमेरिका,इटली,रूस जैसे देशों की लाइन में खड़ा कर दे | बिगड़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के सरकार के इस निर्णय ने यह सिद्ध कर दिया है कि सरकार का यह निर्णय भारतवासियों की जान से कही अधिक महत्वपूर्ण है | दिन प्रति दिन आसमान छूते आंकड़ो को कम करने में सरकार द्वारा लॉकडाउन 3.0 में लिए गये साहसिक निर्णय किस हद तक सरकार,भारतवासियों,तथा कोरोना योद्धाओं के पक्ष में होते है, यह तो आने वाला समय ही बता सकता है |
हर दिन लॉकडाउन खत्म होने तथा पुनः अपने काम में लौटने की झूठी आस लिए कुछ भारतवासीयों के मन में सरकार के इस निर्णय के पश्चात एक तरह का रोष और फिर से वही डूबती हुई सूरज की किरणों के अतिरिक्त और कुछ शेष नही रह गया है |