लॉकडाउन का असर
हमेशा बिज़ी रहने वालो को इसने थोड़ा आराम दिया,
बेफिक्री से जीने वालों को अपनी फिक्र का काम दिया,
ख़्वाबों की सोच समय के हाल छोड़े थे जो हमने,
उनको पूरा करने का हमें एक नया मौका दिया,
उब गए थे रोजमर्रा की जिंदगी से अब तक हम,
उस रूटीन से इसने हमको खुद से ही आजाद किया,
चल कर समाज संग खुद को जो नजरअंदाज किया हमने,
उस समाज से अलग कर हमको खुद से मिलने का मौका दिया,
इक अरसे से सपनो की खातिर अपनों से जो दूर रहे हम
उन अपनों से मिलने का इसने ही हमें मौका दिया,
दूसरों की कहानी जानने में जो मसरूफ हो गए थे हम कभी,
अपनी कहानी जानकर लिखने का इसने हमें मौका दिया,
ना जाने क्या से क्या हो गए थे दौड़ भाग की जिंदगी में जो हम,
मदद की अस्तित्व को पहचानने में जो हमारी,
इसने हमको अपना सदा के लिए ऋणी किया