लॉकडाउन~तेरा शुक्रिया
लॉकडाउन-तेरा शुक्रिया
हमें जीना सिखा दिया
दस मीटर दूरी थी हर जाम से
तूने कतरा कतरा ज़हर पीना सिखा दिया
लॉकडाउन-तेरा शुक्रिया
यहां हर चेहरे पर मास्क था
फिर भी तुझमें कुछ ख़ास था
दिखा ही नहीं कुछ
तेरी नजरों के सामने
फिर अचानक हुआ ये हादसा
लॉकडाउन-अब तेरा शुक्रिया
हमें चलना सिखा दिया
वीरान रातें उदास दिन
सेनेटाइज़ हो गई जिंदगी
तेरे आने के बाद
मुस्कुराहट भी गुमनाम थी
लॉकडाउन-तेरा शुक्रिया
हमें हँसना सिखा दिया
दस मीटर दूरी थी हर जाम से
तूने कतरा कतरा ज़हर पीना सिखा दिया
तेरी यादों का मंजर
हर तरफ तुम्हारा नाम था
बस तू ही तू दुनिया मेरी
जहाँ हर शहर वुहान था
लॉकडाउन-तेरा शुक्रिया
अक्स-ए-वुहान मिटा दिया
दस मीटर दूरी थी हर जाम से
तूने कतरा कतरा ज़हर पीना सिखा दिया
~भंडारी लोकेश ✍️