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28 Nov 2017 · 1 min read

लैंग्वेज प्रॉब्लम ।

अगर आपका कोई मित्र आपसे ढाई दशक के बाद इस बात से मुंह फुला दे कि आपकी भाषा सही नहीं है,यानि आज के परिपेक्ष में कहें तो लैंग्वेज प्रॉब्लम है,इसलिए आज से मित्रता तोड़ रहा हूँ, और बात भी नहीं करूँगा ! आप क्या सोचोगे या सोचने को मजबूर हो जाओगे? इसके अनगिनत उत्तर हो सकते हैं।और मेरा उत्तर मेरे मित्र को ये है। हे परम मित्र ! आप धन्य हैं जो मुझे और मेरी भाषा को ढाई दशक तक ढ़ोते रहे,झेलते रहे,न जाने कितने अनंत प्रहार मेरी गंवार बोली भाषा ने आप पर किये होंगे,आपका कोमल ह्रदय न जाने कितनी बार घायल और ब्यथित हुआ होगा ? फिर भी आप इतने लम्बे समय तक मुझ जैसे कम पढ़े लिखे व्यक्ति की मित्रता का असह्य भार अपने कन्धों पर ढ़ोते रहे,मेरे लिये इससे अधिक खुश नशीबी और क्या हो सकती है? मैं जन्म जन्मातर आपका आभारी रहूँगा। और अंत में प्रभु से एक ही प्रार्थना है” हे प्रभु ! आपको और आप जैसे मित्रों को भी आप जैसे ही मित्र मिलें ” सुंदर ,सुशिक्षित और मीठे बोल बोलनेवाले ताकि लैंग्वेज प्रॉब्लम से किसीका साथ न छूटे कोई मित्र न रूठे।

Language: Hindi
591 Views
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