ले तु उडारी
ले तु उडारी
जैसे ऊँची-ऊँची अटारी
एक दिन ऐसे गुजर जा
जैसे नदिया का पानी
क्या समझेगी तु
ये बात पुरानी
नया दौर जिन्दगी का
नयी तेरी कहानी
जब गुजरेगी खुद पे
तब समझ आयेगी
जिन्दगी की असली कहानी
** ** ** ** ** **
Swami ganganiya
Budhsaini Baghpat