ले जाओ घर से
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जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
उड़ने मत दो परिंदों को पर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
चंद अशार लिखवादो सुखनवर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
मत सब खरीद लो उनके दर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
हथियार उठाओ लड़ जाओ डर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
उतार दो अब खौफ सभी के सर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
सागर मुक्त करो सारे जलचर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
दुल्हन छीन ने का वक्त है वर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
कलियुग का पता चले हर मंजर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
कोई शय न बचे पैसे के असर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
नजर उतार दो अब सबकी नजर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
देखो पत्ते हिल न पाये शजर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
मुर्दों को निकाल बेच दो कबर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।
कलम हमारा यश लिखती कर से।
जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से।