ले चल मेरे गीत, मुझे गांव की ओर..।।
ले चल मेरे गीत, मुझे गांव की ओर
बदले नज़ारे
बदला जमाना
बदल गया इंसान
अब करता बहाना
बदल गया जिसका सुहाना सा भोर |1
नीति भी बदली
रीति भी बदली
बदले संबंध
और प्रीति भी बदली
बदली संस्कृति सब तरीकों को तोड़ |2
नजरिया भी बदले
नजरें भी बदली
होरी भी बदले
धनिया भी बदली
बदला दिल जिसका मिलता ना छोर |3
कवि भी बदले
कविताएं भी बदली
छन्द भी बदले
और रचनाएं भी बदली
बदले सब अपने गीतों के जोड़ |4
राह भी बदली
राही भी बदले
मित्र भी बदले
और साथी भी बदले
हम ना बदले हुए आत्मा विभोर |5
शिक्षा भी बदली
व्यवस्था भी बदली
कुर्सी ना बदली
सत्ता भी बदली
राजनीति जिसका मिलता ना छोर |6
कानूनी भी बदले
कायदे भी बदले
इंसान भी बदले
उनकी सोच भी बदली
अब चले जहां नाच मनूआ के मोर ।7