ले कलम….
ले कलम….
ले कलम तलवार चल युद्ध कर।
हो रहे जो पाप उनको शुद्ध कर।।
तोड़ दो उनकी कमर जो पापरत।
कृत्य गंदे को सतत अवरुद्ध कर।
कर कलम से वार मत संकोच कर।
लो निशाना पार्थ सा कुछ सोच कर।
तब चिंतना में धार की बौछार हो।
तुम मार दो दुर्योधना को नोच कर।
शब्द से घायल करो दुष्कृत्य को।
वाक्य से मारो सदा अपकृत्य को।
नीचता पर भी घात करना धर्म है।
लो बचा लो कलम से सत्कृत्य को।