*लेटलतीफ: दस दोहे*
लेटलतीफ: दस दोहे
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1)
चलता है कब कार्यक्रम, सही समय अनुसार
घंटा-भर यदि लेट है, समझो शिष्टाचार
2)
आयोजन देखो जहॉं, सब हैं लेट-लतीफ
कार्यक्रमों में देर से, किसको अब तकलीफ
3)
घंटा-भर की देर से, पहले थी शुरुआत
आप अजी अब कीजिए, दो घंटे की बात
4)
कार्यक्रमों का आजकल, अता-पता अज्ञात
राम-भरोसे चल रहा, जब भी हो शुरुआत
5)
सबसे सस्ता आजकल, समय तुम्हारा मोल
रद्दी ही के भाव में, सदा तुम्हारी तोल
6)
सही समय पर आ गए, मूरख जो इंसान
दो घंटे के बाद ही, घर से चले महान
7)
लेट-लतीफी को कहा, सबने हिंदुस्तान
‘भारतीय टाइम’ यही, घटी न इसमें शान
8)
रखिए अनुशासन-समय, रखें समय का मान
समय बड़ा ही कीमती, समझें ब्रह्म-समान
9)
धीरज धरिए बैठकर, करें प्रतीक्षा आप
सही समय पर कार्यक्रम, पाया है अब शाप
10)
खाली-खाली दिख रहे, ढीले-ढीले लोग
समय अभागा क्या करे, उसका क्या उपयोग
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451