Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2018 · 2 min read

लेख

महान क्रांतिकारी अग्नि पुरुष:- खुदीराम बोस
– राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”
( शिक्षक,साहित्यकार)
संदर्भ:- 11 अगस्त ,पुण्य तिथि
हमारे देश को आज़ाद कराने के लिए न जाने कितने क्रांतिकारियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्हीं में एक थे । खुदीराम बोस । इनके पिताजी का नाम त्रिलोकनाथ बोस व माता का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। बंगाल के मिदनापोरे जिले के हबीबपुर गाँव मे इनका जन्म 3 दिसम्बर 1889 को हुआ था। ये बंगाल के युवा राजनेता थे। ये ब्रिटिश कानून के खिलाफ लड़ने वाले मुख्य क्रन्तिकारी थे। खुदीराम बोस आज़ादी के समय के सब्सर शक्तिशाली व युवा क्रांतिकारी थे।खुदीराम बोस ने आज़ादी की लड़ाई में कभी पीठ नहीं दिखाई। इनके पास कोई ब्रिटिश अधिकारी डर के कारण नहीं जाता था। बीसवीं सदी के शुरुआत में ही शहीद होने वाले क्रांतिकारियों में खुदीराम पहले थे। खुदीराम बोस अपने जीवन को जोखिम में डाल लड़ते थे। वह महान क्रांतिकारी सच्चे देशभक्त राजनीतिज्ञ थे जो कम उम्र में शहीद हुए।
इन्हें जन्म से ही जोखिम भरे काम पसंद थे।1902 से हीं इन्होंने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था। सबसे छोटे क्रांतिकारी थे खुदीराम। ब्रिटिश कानून के विरुद्ध प्रेरित करने का कार्य उन दिनों भगिनी निवेदिता कर रही थी। ओरोविंद से प्रभावित हुए खुदीराम। ये एक गुप्त अधिवेशन में शामिल हुए।
1904 में मेदनीपुर स्कूल में दाखिला लिया व क्रांतिकारियों की सहायता करने लगे। शहीद क्लब सदस्य बने। उनकी राजनीतिक कुशलता से सभी प्रभावित थे। वे एक अच्छे समाजसेवक भी थे।
खुदीराम बोस भगवतगीता पढ़ते उससे उन्हें ताकत मिलती थी। सत्येंद्रनाथ बोस से बड़े प्रभावित रहे। 1905 में वे ब्रिटिश सरकार को अपनी ताकत दिखाने के इरादे से राजनीतिक पार्टी में भी शामिल हुए। बंगाल विभाजन में शामिल हुए। उन्होंने बम ब्लास्ट मेदनीपुर रेलवे स्टेशन के पास किये।
ब्रिटिश सरकारी अफसरों को मारने के लिए इन्होंने सन 1905 में किये बम ब्लास्ट किये। इस कांड के आरोप में खुदीराम को दोषी करार दिया और उन्हें मृत्यु की सजा दी। 1 मई 1908 को चाय की एक टपरी से इन्हें गिरफ्तार किया। जब इनकी मात्र 18 साल की आयु थी। इन पर अंग्रेजों ने एक हज़ार रुपये का इनाम भी रखा था। गिरफ्तारी के समय ये वन्दे मातरम का नारा बोल रहे थे। 2 मई 1908 को खुदीराम बोस को जेल भेज दिया था।इनके साथी प्रफ्फुल चाकी ने मुजफ्फरपुर हादसे में खुद को गोली मार ली थी।
11 अगस्त 1908 को खुदीराम बोस को फांसी दी गई थी। खुदीराम बोस बंगाल में नहीं देश के तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए। उन्हें स्वाधीनता संघर्ष का महानायक भी कहते हैं।
जब जब आज़ादी के संघर्ष की बात याद आएगी तब खुदीराम का नाम सहसा लबो पर आ जायेगा। भारत माता का ये सपूत अमर हो गया। कोटि कोटि नमन ऐसे महापुरुष को। आज़ादी के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में नाम लिखा गया सबसे कम उम्र का महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस। तुम्हारी शहादत को करोड़ों सलाम। इनकी प्रेरणा से स्त्री पुरुषों में ताकत आई। भारत से अंग्रेजी सत्ता हमेशा हमेशा के लिए मिट गई।
“वन्दे मातरम की गूंज खुदीराम ने गुंजाई।
जन गण में आज़ादी की अलख जगाई।।”
98,पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
234 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एक तुम्हारे होने से....!!!
एक तुम्हारे होने से....!!!
Kanchan Khanna
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
नेताम आर सी
Never settle for less than you deserve.
Never settle for less than you deserve.
पूर्वार्थ
दर्पण
दर्पण
Kanchan verma
शब्दों का गुल्लक
शब्दों का गुल्लक
Amit Pathak
होते वो जो हमारे पास ,
होते वो जो हमारे पास ,
श्याम सिंह बिष्ट
3176.*पूर्णिका*
3176.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कौशल
कौशल
Dinesh Kumar Gangwar
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
* पहचान की *
* पहचान की *
surenderpal vaidya
*इश्क़ न हो किसी को*
*इश्क़ न हो किसी को*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*युद्ध*
*युद्ध*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जय जय हिन्दी
जय जय हिन्दी
gurudeenverma198
मुस्कुराना जरूरी है
मुस्कुराना जरूरी है
Mamta Rani
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
"मां की ममता"
Pushpraj Anant
राधा अब्बो से हां कर दअ...
राधा अब्बो से हां कर दअ...
Shekhar Chandra Mitra
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बार -बार दिल हुस्न की ,
बार -बार दिल हुस्न की ,
sushil sarna
सुविचार
सुविचार
Sanjeev Kumar mishra
"ना अपना निर्णय कोई<
*Author प्रणय प्रभात*
Yuhi kisi ko bhul jana aasan nhi hota,
Yuhi kisi ko bhul jana aasan nhi hota,
Sakshi Tripathi
एक बालक की अभिलाषा
एक बालक की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
यह आत्मा ही है जो अस्तित्व और ज्ञान का अनुभव करती है ना कि श
यह आत्मा ही है जो अस्तित्व और ज्ञान का अनुभव करती है ना कि श
Ms.Ankit Halke jha
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
शेखर सिंह
जन्मदिन तुम्हारा!
जन्मदिन तुम्हारा!
bhandari lokesh
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
Harminder Kaur
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
कवि दीपक बवेजा
Loading...