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26 Nov 2019 · 1 min read

कविता

तेरे भीतर की खामोशी को, मैं पहचान जाता हूं
तेरे भीतर की रवानी को, भी पहचान पाता हूं।
तुझे देखते ही भर गई मेरी आंखे,
तू मेरे दिल में है, मैं हमेशा जान जाता हूं ।।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 429 Views
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